लकड़ी का बुरादा या उसके छोटे टुकड़े जैविक सामग्री होते हैं और यह कार्बन और सेलुलोज का एक अच्छा स्रोत भी होते हैं। इसलिए सबसे पहली बात जो हमारे दिमाग में आती है, वह है कि क्या हम इन्हे अपनी मिट्टी में उर्वरक के रूप में उपयोग कर सकते हैं। तो हाँ, हम लकड़ी की सामग्री का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन इनके दोनों जी सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव होते हैं। आइए जानते हैं कि लकड़ी का बुरादा या टुकड़े हमारी मिट्टी के लिए अच्छे होते हैं या नहीं और किस स्तर तक इनका उपयोग किया जा सकता है।
मैं दोनों पहलुओं के बारे में चर्चा करूंगा, बाकी फैसला आपके हाथ में है।
सकारात्मक प्रभाव
जब मिट्टी को उपजाऊ बनाने की बात आती है, तो प्रकृति वृक्षों पर भारी रूप से निर्भर होती है – पेड़ो की पत्तियां, छाल, टहनियां और कभी-कभी बड़े पेड़ों के टुकड़ों के उपयोग से प्राकृतिक रूप से मिटटी को उपजाऊ बनाने के लिए होता है । लकड़ी का बुरादा या उसके छोटे टुकड़े या किसी भी प्रकार के लकड़ी के अवशेषों का उपयोग करके आप अपने बगीचे की मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने के लिए कर सकते हैं और इनके उपयोग का आपको बहुत लाभ मिलेगा परन्तु इसके लिए आपको बहुत इंतज़ार करना पड़ेगा क्यूंकि इसका दीर्घकालिक लाभ है।
लगभग हर तरह की मिटटी को बहुत से फाइबर से युक्त खाद पसंद आती है, जो की किसी भी तरह की लड़कड़इ मे प्रचुर मात्रा मे उपलब्ध रहते हैं। सड़ती हुई लकड़ी के मिटटी मे मिले होने से मिटटी की पोषक तत्वों और नमी को सजोने की क्षमता बढ़ती जिससे की ज्यादा और बेहतर फसल मिलती है।
नकारात्मक प्रभाव
यदि आप अपनी मिट्टी में कुछ उगाने की योजना बना रहे हैं तो उसमें किसी भी प्रकार की लकड़ी की सामग्री को मिलाना अच्छा नहीं है, कम से कम डेढ़ वर्ष तक क्योंकि लकड़ी के सामग्री में सेल्युलोज और कार्बन की अधिक मात्रा होती है। इसलिए उन्हें पूरी तरह से डिकम्पोज़ होने के लिए नाइट्रोजन और समय की आवश्यकता होती है। यदि आप लकड़ी के टुकड़े या बुरादा सीधे अपनी मिट्टी में मिलाते हैं, तो ये आपकी मिट्टी मे उपलब्ध नाइट्रोजन का अधिक से अधिक उपयोग अपने को डिकम्पोज़ करने के लिए कर लेंगे और गार्डनिंग के लिए लगभग 2 वर्षों तक वह जगह उपयोगी नहीं होगी। सार्थक शब्दों में, आपके पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक नाइट्रोजन लकड़ी के सामग्री द्वारा उसके टूटने में खपत हो जाएगा और पौधों के विकास मे उपयोग नहीं किया जाएगा।
मल्च के रूप मे उपयोग
आप लकड़ी की चिप्स को मल्च के रूप में उपयोग कर सकते हैं भले ही जिस स्थान पर मल्च और मिट्टी मिलती है उस जगह पर नाइट्रोजन की कमी हो जायेगी। आपको इसे सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए। पौधों की जड़ें लकड़ी के साथ संपर्क में नहीं आनी चाहिए। अपनी अपनी मिटटी मे लकड़ी की चिप्स को नहीं मिलाना है। अपनी मिटटी और मल्च के बीच मे आप नाइट्रोजन सम्पन्न सामग्री जैसे जंगली जानवरों का गोबर, ब्लूडमील या हरे पत्तों की एक लेयर बिछा दे और आप चाहे तो ये सब आप मल्च के साथ भी मिक्स कर सकते हैं।
मैं आपको परामर्श दूंगा की अगर आप अपनी मिटटी की उर्वरकता को बढ़ाने के लिए लकड़ी का बुरादा या उसके छोटे टुकड़े का उपयोग करना चाहते हैं तो इसमें कम से कम दो वर्ष तक किसी भी तरह के पौधों को ना उगाएं। लकड़ी की सामग्री को पूरी तरह से डिकम्पोज़ हो जाने दें, ये आपकी मिटटी को बहुत अधिक उपजाऊ बना देगा। लेकिन छोटी अवधि के लिए, यह मिट्टी की उर्वरकता को कम कर सकता है। यदि आप इसे मल्च के रूप में उपयोग कर रहे हैं, तो इसे सावधानी से उपयोग करें। अब यह आप पर निर्णय करना है कि आप लकड़ी का बुरादा या उसके छोटे टुकड़े का कैसे उपयोग करना चाहते हैं।.
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